15 अगस्त को देश आज़ादी की 64वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है लेकिन इस बार लोगो को इंतज़ार है 16 अगस्त का क्योंकि 16 अगस्त से शु्रू होगी 'आज़ादी की दूसरी लड़ाई' .ये लड़ाई है 'भ्रष्टाचार से आज़ादी की'.अन्ना की टीम तैयार है फिर से अंशन के लिए तो दूसरी तरफ सरकार इस जन-आंदोलन को दबाने की हर संभव कोशिश कर सकती है.मीडिया की मदद से अब लगभग हर भारतीय करप्शन के खिलाफ जागरुक हो रहा है.इस आंदोलन को भारी जन-समर्थन मिलने की उम्मीद है लेकिन क्या सरकार अन्ना के अन्शन के आगे झुकेगी..? अब इंतज़ार 16 अगस्त का है......
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