Saturday 3 September 2011

दिल ......

सुनने में तो शायद बहुत छोटा वर्ड है 'दिल' पर ये हमारी लाइफ का बहुत इंम्पोरटेन्ट वर्ड है.दिल के बिना तो लाइफ इंम्पौसिबल ही है.दिल ऐसा वर्ड है जिसका यूज़ लगभग हर जगह ही होता है.कोई पेप्सी पीने के लिए कहता के 'दिल मांगे मोर' तो कोई चॅाकलेट पाने के लिए कहता है कि 'दिल है कि मानता नहीं'.फिल्मों और गानों का तो दिल से अटूट रिश्ता है.फिल्मों में कभी सुनने को मिलता है -'दिल तो बच्चा है' तो कभी 'दिल तो पागल है'.हमारे आमिर खान तो दिल को इडियट भी बोलते हैं.

   अपने दिल को भले ही किसी ने देखा न हो  लेकिन आशिक तो दिल चुराने और दिल के लेन-देन की बातें किया करते हैं.दिल के साइज़ के बारे  मे पता न हो लेकिन अपनी गर्लफ्रेन्ड को दिल में बसाने की तमन्ना हर आशिक रखता है.दिल तोड़ने और जोड़ने की बातें भी खूब  चला करती हैं जैसे दिल कोई बॅाडी पार्ट नहीं कोई खिलौना हो.कुछ लोग कहते हैं कि खूबसूरत  वो है जिसका दिल साफ  है हांलांकि दिल को साफ करने का कोई क्लीनर मार्केट में अभी नहीं आया.

  कोई कहता है दिल से गाओ तो कोई बोलता है दिल की सुनो.मैं ये ही कहुंगा ..'दिल' तो है एक लेकिन इसकी परिभाषाएं हैं अनेख....